फिर केंद्र में दस्तक देगा उत्तराखंड 33 साल बाद

उत्तराखंड में एक हजार मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पेड़ों की कटाई-छंटाई पर लगे प्रतिबंध से छूट पाने को राज्य फिर से केंद्र में दस्तक देने जा रहा है। वर्ष 1986 में यह प्रतिबंध लगा था। अब इससे छूट पाने के मद्देनजर राज्य के पक्ष को मजबूती से रखने को विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसमें प्रतिबंध से उत्पन्न पर्यावरणीय कठिनाइयों के साथ ही तमाम बिंदुओं को शामिल किया गया है। वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के अनुसार 30 नवंबर को दिल्ली में होने वाले वन मंत्रियों के सम्मेलन में ये मसला पूरी गंभीरता के साथ रखा जाएगा।


प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में वनों के बेहिसाब कटान से उत्पन्न पर्यावरणीय खतरों को देखते हुए वर्ष 1986 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 1000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर पेड़ों के कटान पर रोक लगा दी गई थी।मौजूदा सरकार भी इस मसले को लेकर गंभीर हुई है। कुछ माह पहले वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने केंद्रीय वन मंत्री के समक्ष ये मुद्दा रखा। अब फिर से इसे केंद्र के समक्ष रखने को विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया गया है।


वन मंत्री के अनुसार इस सबके मद्देनजर पेड़ों की कटाई-छंटाई पर लगे प्रतिबंध से छूट जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा इसके जरिए हजार मीटर से ऊपर के जंगलों की सेहत सुधारना है। पेड़ों की कटाई-छंटाई से मिलने वाली आय को वहां नए जंगल पनपाने में उपयोग में लाया जाएगा।