प्राइवेट और सरकारी उद्यम मोदी सरकार के दौरान हुए बर्बाद, देश मजबूत करने का दावा करने वालों के मुहं पर आंकडों का तमाचा, कोई उद्यम स्थापित करने के बजाय पुराने उद्यम बर्बाद किये और बेचे


नई दिल्ली। एक बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था को मोदी सरकार की नीतियों ने बर्बाद कर दिया। आंकड़े गवाह हैं कि सरकारी और प्राइवेट सैक्टर के लिए मोदी सरकार का कार्यकाल विनाशकारी साबित हुआ है। साल 2013-14 से 2017-18 की अवधि पिछले 25 वर्षों में कॉर्पोरेट इंडिया के लिए सबसे खराब पांच साल की अवधि रही है। यह बात सेल्स ग्रोथ और टैक्स के बाद लाभ दोनों पर ही लागू होता है। आश्चर्य की बात नहीं कि इस दौरान कर्मचारियों को मिल हा मेहनताना भी काफी कम रहा। सरकारी और प्राइवेट दोनों ही कंपनियों में ऐसी स्थिति बरकरार रही। हालांकि विदेशी कंपनियों के लिए यहां थोड़ी राहत रही। 
 एजेंसी सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) के आंकड़ों का विश्लेषण करते हुए हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने पाया कि वित्त वर्ष 2017-18 के खत्म होने तक बीते पांच साल का सेल्स रेवेन्यू औसतन 6 फीसदी की दर से बढ़ा था। यह वृद्धि दर 1993-94 के बाद से किसी भी पांच साल की समयावधि के लिए सबसे कम थी। साल 2002-03 और 2007-08 के बीच पांच वर्षों में कॉर्पोरेट बिक्री में 21.2 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि देखी गई, जो इस अवधि में सबसे अधिक है। पिछले 5 साल की अवधि में सरकारी कंपनियों की सालाना ग्रोथ औसतन 2.6 प्रतिशत रही, जो सबसे कम है। इस अवधि में घरेलू प्राइवेट सेक्टर ने अपने सेल्स रेवेन्यू में सालाना 6.5 फीसदी की वृद्धि की, हालांकि विदेशी कंपनियों के लिए यह आंकड़ा 13.6 प्रतिशत था। पिछले 5 साल में 2017-18 तक हर साल लाभ का आंकड़ा गिरकर 4.7 फीसदी (टैक्स के बाद) रहा। यहां तक कि 2007-08 और 2012-13 के बीच की अवधि में शुरुआती सालों में वैश्विक आर्थिक मंदी से प्रभावित होने के बावजूद भी टैक्स के बाद मुनाफा हर साल औसतन 1.1 प्रतिशत की दर से बढ़ा था। ये आंकड़ें इस बात के संकेत हैं कि पिछले 5 साल की अवधि कॉर्पोरेट जगत के लिए कितनी खराब रही। इस समयावधि के दौरान विदेशी प्राइवेट सेक्टर में 12.2 प्रतिशत की सालाना वृद्धि देखी गई। हालांकि सरकारी कंपनियां सबसे ज्यादा पीड़ित रहीं। उनकी हालत मुनाफे वाली थी वे भारी घाटे में चली गईं।
 आजाद भारत में मोदी सरकार पहली ऐसी सरकार है जिसने कोई सार्वजनिक उपक्रम नहीं खड़ा किया। अंग्रेजों के जमाने से और आजाद भारत में स्थापित तमाम सरकारी उपक्रमों को तबाह और बेचने में लगी रही मोदी सरकार। 


प्रिय पाठकगण, सादर अभिनंदन !
कृपया इस वेबसाइट को नियमित देखिए, यहां प्रकाशित सामग्री पर अपनी प्रतिक्रिया दीजिए। आपको जो आलेख पसंद आए उसे औरों को शेअर करें। अपने आलेख, समाचार, विज्ञापन, रचनाएं इत्यादि छपवाने व रिपोर्टर बनने के लिए आवेदन कृपया व्हाट्सऐप 9897791822 पर भेजें। कृपया फोन न करें। जो भी बात कहनी हो उसे व्हाट्सऐप पोस्ट या मैसेज के जरिये ही भेजें।